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कानपुर में कोपेस्टेट के होली मेले में उमड़ी उद्यमियों और नेताओं समेत लोगों की भीड़

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कानपुर। यहां दादा नगर औद्योगिक क्षेत्र में  कोपेस्टेट द्वारा हर वर्ष की तरह इस साल भी आयोजित होली मेले में उद्यमियों ने जमकर होली खेली। भजन संध्या में भजन गायकों ने भजनों की शानदार प्रस्तुति दे लोगों का मन मोह लिया। दादा नगर कोपे स्टेट के प्रशासनिक भवन परिसर में आयोजित होली मेले में शहर के उद्यमियों के साथ साथ बडी संख्या में व्यवसायी व आम लोग भी पहुंचे। यंहा कोपेस्टेट स्टेट के चेयरमैन विजय कपूर व भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक अजय कपूर ने सभी आंगतुकों का चंदन का टीका लगाकर स्वागत किया।  कोपोस्टेट चेयरमैन विजय कपूर व उद्यमियों और आम लोगों ने फूलों की होली खेलकर व हर्बल गुलाल लगा गले मिलकर होली की बधाई दी।  इस अवसर पर चेयरमैन विजय कपूर ने कहा कि होली एक पवित्र त्यौहार है।होली हमे बुराइयों को त्यागकर अच्छाइयों को ग्रहण करने की प्रेरणा देता है। इस मौके पर पूर्व विधायक अजय कपूर ने कहा कि यह त्योहार प्रेम, क्षमा और एकता का संदेश देता है। होली मेला में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, सासंद रमेश अवस्थी,भाजपा कानपुर-बुन्देलखण्ड अध्यक्ष प्रकाश पाल, प्रमोद जयसवाल, भाजपा पार्षद दल ने...

अंग्रेजों के घुटने टेकने की खुशी का परिणाम कानपुर का गंगामेला आज

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- साथियों को मुक्त करा स्वतंत्रता सेनानियों ने होली के दिन ही फहराया था कानपुर में तिरंगा कानपुर। आज यहां गुरुवार को गंगा मेला लगेगा। और इसी के साथ आज से ही होली यानी रंगोत्सव का समापन हो जाएगा। साथ ही यह भी अवगत कराते चलें कि यहां सरसैयाघाट पर लगने वाला एतिहासिक गंगा मेला क्रांतिबीरों के सामने अंग्रेजों द्वारा घुटने टेकने की खुशी का ही परिणाम है। यह क्रांतिकारियों की ही स्मृति में हर साल लगाया  जाता है।  जहां तक आज गुरुवार को लगने वाले इस मेले के अनुराधा नक्षत्र में ही आयोजित किये जाने का सवाल है।  दरअसल यह भी क्रांति कारियों की अंग्रेजों की दमन नीति पर विजय हासिल करने के समय की बात है। उस दिन अनुराधा नक्षत्र ही था, जब शहर के बंदी क्रांतिकारी न केवल मुक्त हुए थे, बल्कि उन्होंने उसी दिन तिरंगा भी फहराया था। उस दिन पूरे शहर में पूरे दिन होली मनाई गई थी और मेले का भी आयोजन किया गया था। तब से लेकर आजतक इस गंगा मेला का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जाता है।  देश की स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय आंदोलन अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का यह दौर 1942 का था। जब स्वतंत्रता सेनानियों ने...